किशोरावस्था की ओर – BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes

BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes किशोरावस्था (Adolescence) वह अवस्था है जब बालक या बालिका बचपन से वयस्कता की ओर बढ़ते हैं। इस समय के दौरान शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक परिवर्तनों की प्रक्रिया होती है। इस अध्याय में किशोरावस्था से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी।

BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes

माता-पिता, शिक्षक और समाज को मिलकर किशोरों की सही दिशा में मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि वे एक स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ सकें।

BSEB Class 8th Science Chapter 17 Notes – किशोरावस्था की परिभाषा

किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जो लगभग 11 से 19 वर्ष की उम्र के बीच होती है। यह जीवन का वह समय है जब शरीर में तीव्र परिवर्तन होते हैं, जिन्हें ‘किशोरावस्था’ या ‘विकासावस्था‘ कहा जाता है।

किशोरावस्था के लक्षण:- शारीरिक परिवर्तन (Physical Changes):

  • लंबाई में वृद्धि: किशोरावस्था के दौरान लंबाई में तेजी से वृद्धि होती है। यह परिवर्तन लड़कों और लड़कियों दोनों में होता है।
  • स्वर परिवर्तन: लड़कों की आवाज मोटी और गहरी हो जाती है, जबकि लड़कियों की आवाज अधिक स्थिर हो जाती है।
  • मांसपेशियों का विकास: लड़कों में मांसपेशियों का विकास अधिक होता है, जबकि लड़कियों में शरीर के विभिन्न हिस्सों में वसा की मात्रा बढ़ जाती है।
  • स्वेट ग्लैंड्स का सक्रिय होना: इस समय के दौरान पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं, जिससे पसीने की मात्रा बढ़ जाती है।
  • शारीरिक बालों का उगना: लड़कों में चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ का आना और लड़कियों में शरीर के विभिन्न हिस्सों पर बालों का उगना एक सामान्य परिवर्तन है।

मनोवैज्ञानिक परिवर्तन (Psychological Changes):

  • भावनात्मक अस्थिरता: किशोरावस्था के दौरान भावनाएं अस्थिर हो सकती हैं, और यह अवस्था कभी-कभी चिड़चिड़ापन, उदासी या गुस्सा का कारण बनती है।
  • स्वतंत्रता की इच्छा: किशोर अधिक स्वतंत्र होना चाहते हैं और स्वयं निर्णय लेना चाहते हैं।
  • समूह में शामिल होने की प्रवृत्ति: किशोरों में साथियों के समूह में शामिल होने और उनके विचारों का समर्थन करने की प्रवृत्ति होती है।

सामाजिक परिवर्तन (Social Changes):

  • सामाजिक पहचान की खोज: किशोरावस्था के दौरान व्यक्ति अपनी सामाजिक पहचान की खोज करता है और यह पहचान उनके आत्मसम्मान को प्रभावित कर सकती है।
  • सामाजिक मान्यताओं को चुनौती देना: इस अवस्था में किशोर कई बार सामाजिक नियमों और परंपराओं को चुनौती देने की कोशिश करते हैं।

किशोरावस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन:- किशोरावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करते हैं। प्रमुख हार्मोनल परिवर्तन इस प्रकार हैं:

लड़कियों में (In Girls):

  • एस्ट्रोजन (Estrogen): यह हार्मोन स्त्रियों के जननांगों का विकास करता है और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है।
  • प्रोजेस्टेरोन (Progesterone): यह गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण होता है और मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में मदद करता है।

लड़कों में (In Boys):

  • टेस्टोस्टेरोन (Testosterone): यह हार्मोन पुरुष जननांगों का विकास करता है, मांसपेशियों को बढ़ाता है, और पुरुषों की विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं को बढ़ावा देता है।

किशोरावस्था में स्वच्छता और देखभाल:- किशोरावस्था में शरीर में होने वाले बदलावों के कारण स्वच्छता और स्वास्थ्य की देखभाल आवश्यक हो जाती है।

शारीरिक स्वच्छता (Physical Hygiene):

  • रोजाना नहाना और साफ-सुथरे कपड़े पहनना चाहिए।
  • त्वचा और बालों की उचित देखभाल करें।
  • पसीने और बदबू से बचने के लिए नियमित रूप से शरीर की सफाई करें।

मासिक धर्म स्वच्छता (Menstrual Hygiene):

  • मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को साफ-सुथरे सैनेटरी पैड्स का उपयोग करना चाहिए।
  • पैड्स को नियमित रूप से बदलते रहें और शरीर की स्वच्छता का ध्यान रखें।

संतुलित आहार (Balanced Diet):

  • किशोरावस्था में शारीरिक विकास के लिए संतुलित आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से युक्त आहार का सेवन करें।

किशोरावस्था में चुनौतियाँ और समाधान:- किशोरावस्था में कई चुनौतियाँ आती हैं, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ प्रमुख चुनौतियाँ और उनके समाधान इस प्रकार हैं:

शारीरिक छवि का मुद्दा (Body Image Issues):

  • इस अवस्था में किशोर अपने शारीरिक रूप से अधिक चिंतित होते हैं।
  • समाधान: किशोरों को आत्म-स्वीकृति और आत्म-सम्मान के महत्व को समझना चाहिए।

अधिकारिता और स्वतंत्रता की खोज (Seeking Independence):

  • किशोरों में स्वतंत्रता की इच्छा होती है और वे अपने अधिकारों को पहचानना चाहते हैं।
  • समाधान: स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए।

समूह दबाव (Peer Pressure):

  • किशोर अपने साथियों के दबाव में आकर गलत निर्णय ले सकते हैं।
  • समाधान: स्वयं के निर्णयों पर विश्वास करना और सही को गलत से अलग करने की क्षमता विकसित करना महत्वपूर्ण है।

किशोरावस्था में परामर्श और समर्थन की आवश्यकता:- किशोरावस्था के दौरान किशोरों को सही मार्गदर्शन और समर्थन की आवश्यकता होती है। इस उम्र में बच्चों को सही परामर्श देना और उनके सवालों का सही उत्तर देना आवश्यक है।

माता-पिता का समर्थन (Parental Support):

  • माता-पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर संवाद करना चाहिए और उनके सवालों का सही उत्तर देना चाहिए।
  • बच्चों को अपने अनुभव साझा करने का अवसर दें और उन्हें समर्थन दें।

शिक्षकों का मार्गदर्शन (Teacher’s Guidance):

  • शिक्षकों को बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता और जीवन के मूल्यों के बारे में भी शिक्षित करना चाहिए।
  • बच्चों के प्रश्नों का उत्तर देने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने का प्रयास करें।

स्वास्थ्य परामर्शदाता (Health Counselors):

  • किशोरावस्था के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं और मानसिक तनाव को समझने के लिए स्वास्थ्य परामर्शदाता का समर्थन आवश्यक हो सकता है।
  • किशोरों को मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने के लिए विशेषज्ञ परामर्श प्राप्त करना चाहिए।

निष्कर्ष

किशोरावस्था जीवन का एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण समय होता है। यह वह अवस्था है जब बच्चा न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी विकसित होता है। इस समय में सही मार्गदर्शन और समर्थन बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है। किशोरावस्था के दौरान बच्चों को अपने शरीर और मन के बदलते स्वरूप को समझने, आत्म-स्वीकृति को बढ़ावा देने, और सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने की आवश्यकता होती है।

माता-पिता, शिक्षक और समाज को मिलकर किशोरों की सही दिशा में मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि वे एक स्वस्थ, संतुलित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ सकें।

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3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
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7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
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10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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