कब कहाँ और कैसे – Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Notes

इतिहास का अध्ययन हमें हमारे अतीत की जानकारी देता है और वर्तमान को बेहतर समझने में मदद करता है। कक्षा 8 का इतिहास, खासतौर पर बिहार बोर्ड के लिए, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Notes

यह अध्याय “कब, कहाँ और कैसे” के माध्यम से हमें ऐतिहासिक घटनाओं, उनके समय और स्थान को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस लेख में, हम “Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Notes” पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Notes – इतिहास का अध्ययन: कब, कहाँ और कैसे?

इतिहास का अध्ययन “कब”, “कहाँ” और “कैसे” जैसे प्रश्नों के उत्तर देने पर आधारित होता है। इन प्रश्नों के माध्यम से हम किसी घटना के समय, उसके स्थान और उसके कारणों को समझ सकते हैं।

  • कब: “कब” का प्रश्न हमें किसी घटना के समय और काल की जानकारी देता है। यह हमें बताता है कि कोई घटना किस समय हुई और उसके दौरान क्या विशेष परिस्थितियाँ थीं। उदाहरण के लिए, भारत में मुग़ल शासन का प्रारंभ कब हुआ, ब्रिटिश शासन ने भारत पर कब कब्जा किया, आदि।
  • कहाँ: “कहाँ” का प्रश्न हमें उस स्थान की जानकारी देता है जहाँ घटना घटी। यह स्थान विशेष तौर पर महत्वपूर्ण होता है क्योंकि स्थान की भौगोलिक और सांस्कृतिक स्थितियाँ किसी भी घटना पर गहरा प्रभाव डालती हैं। उदाहरण के लिए, सिंधु घाटी सभ्यता का विकास कहाँ हुआ, अशोक के साम्राज्य का विस्तार किन-किन क्षेत्रों में था, आदि।
  • कैसे: “कैसे” का प्रश्न हमें घटनाओं के कारण और उनकी प्रक्रिया की जानकारी देता है। यह हमें बताता है कि कोई घटना किस प्रकार घटित हुई और उसके पीछे कौन-कौन से कारक जिम्मेदार थे। उदाहरण के लिए, 1857 का विद्रोह कैसे हुआ, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम कैसे आरंभ हुआ, आदि।

ऐतिहासिक स्रोत: जानकारी का प्रमुख साधन:- इतिहास को समझने के लिए हमें विभिन्न स्रोतों की आवश्यकता होती है। इन स्रोतों के माध्यम से हमें प्राचीन समय की घटनाओं, समाज, संस्कृति और राजनीति के बारे में जानकारी मिलती है। बिहार बोर्ड कक्षा 8 के इतिहास के अध्याय 1 में भी इस विषय पर प्रकाश डाला गया है। ऐतिहासिक स्रोत मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

  • प्राथमिक स्रोत: ये स्रोत प्रत्यक्ष रूप से घटनाओं से जुड़े होते हैं। इनमें दस्तावेज, पत्र, अभिलेख, स्मारक, सिक्के, और पुरानी इमारतें शामिल होती हैं। उदाहरण के लिए, अशोक के शिलालेख, हरप्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई से प्राप्त सामग्री, आदि।
  • द्वितीयक स्रोत: ये स्रोत प्राथमिक स्रोतों के आधार पर लिखे गए होते हैं। इनमें इतिहास की किताबें, शोध लेख, और अन्य साहित्य शामिल होते हैं, जो प्राचीन समय की घटनाओं की व्याख्या करते हैं।

काल और समय का विभाजन:- इतिहास को बेहतर ढंग से समझने के लिए इसे काल और समय के आधार पर विभाजित किया गया है। काल विभाजन का उद्देश्य यह है कि हम प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक समय की घटनाओं को क्रमबद्ध तरीके से समझ सकें। इस प्रकार का विभाजन हमें ऐतिहासिक घटनाओं के क्रमिक विकास और उनके प्रभावों को समझने में मदद करता है।

  • प्राचीन काल: इस काल में हड़प्पा सभ्यता, वैदिक युग, महाजनपद, मौर्य और गुप्त साम्राज्य जैसे महत्वपूर्ण दौर शामिल हैं। यह काल भारतीय संस्कृति, धर्म और समाज की नींव रखने वाला समय माना जाता है।
  • मध्यकालीन काल: इस काल में दिल्ली सल्तनत, मुग़ल साम्राज्य और कई अन्य क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ। मध्यकालीन भारत में कला, स्थापत्य, साहित्य और संस्कृति का व्यापक विकास हुआ।
  • आधुनिक काल: यह काल ब्रिटिश शासन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के समय का है। आधुनिक काल में भारत में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलावों का एक नया दौर शुरू हुआ।

ऐतिहासिक घटनाओं का स्थान:- इतिहास में स्थान का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसी भी घटना के घटने का स्थान उसकी भूगोल, संस्कृति, और वहां की सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर प्रभावित होता है। बिहार बोर्ड कक्षा 8 इतिहास अध्याय 1 में हमें विभिन्न सभ्यताओं और साम्राज्यों के विस्तार के स्थानों के बारे में जानकारी मिलती है। जैसे:

  • हड़प्पा सभ्यता: यह सभ्यता सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई। मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, लोथल और कालीबंगा इसके प्रमुख नगर थे।
  • मौर्य साम्राज्य: यह साम्राज्य मगध क्षेत्र से विकसित हुआ और अशोक के समय में पूरे भारत पर इसका प्रभाव था। पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) इसकी राजधानी थी।
  • मुगल साम्राज्य: दिल्ली और आगरा मुगल साम्राज्य के प्रमुख केंद्र थे। अकबर के समय में साम्राज्य का विस्तार पूरे उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक हुआ।

ऐतिहासिक घटनाओं की प्रक्रिया:- इतिहास में घटनाओं की प्रक्रिया को समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि उनका समय और स्थान। घटनाओं की प्रक्रिया को समझने से हमें यह जानकारी मिलती है कि किसी घटना का आरंभ कैसे हुआ, उसमें क्या-क्या परिवर्तन हुए और उसका परिणाम क्या निकला। उदाहरण के लिए:

  • 1857 का विद्रोह: यह विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली बड़ी घटना थी। इसकी प्रक्रिया में भारतीय सैनिकों और ब्रिटिश शासन के बीच असंतोष, सामाजिक-धार्मिक कारक, आर्थिक शोषण, और राजनीतिक कारण शामिल थे।
  • भारत का स्वतंत्रता संग्राम: यह संग्राम कई दशकों तक चला, जिसमें विभिन्न आंदोलन, अहिंसक संघर्ष, और ब्रिटिश शासन के खिलाफ जन जागरूकता अभियान शामिल थे। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने इसमें योगदान दिया।

निष्कर्ष

इतिहास का अध्ययन केवल घटनाओं की तारीखें और नाम याद रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें अतीत की घटनाओं को समझने, उनका विश्लेषण करने और उनसे सबक लेने में मदद करता है। “Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Notes” के माध्यम से हमें यह जानने का अवसर मिलता है कि हमारे देश का अतीत कितना समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है।

कब, कहाँ और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर देकर हम इतिहास को एक व्यापक दृष्टिकोण से देख सकते हैं। ऐतिहासिक घटनाओं का समय, स्थान और उनकी प्रक्रिया हमें यह समझने में मदद करती है कि वर्तमान में हम जिस समाज का हिस्सा हैं, वह किस प्रकार से बना और विकसित हुआ। इस प्रकार, इतिहास का अध्ययन न केवल हमारे ज्ञान का विस्तार करता है, बल्कि हमें भविष्य के लिए भी दिशा प्रदान करता है।

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आध्याय अध्याय का नाम
1.संसाधन
1A.भूमि, मृदा एवं जल संसाधन
1B.वन एवं वन्य प्राणी संसाधन
1C.खनिज संसाधन
1D.ऊर्जा संसाधन
2.भारतीय कृषि
3उद्योग
3Aलौह-इस्पात उद्योग
3Bवस्त्र उद्योग
3C.सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग
4.परिवहन
5.मानव संसाधन
6.एशिया (no Available notes)
7भौगोलिक आँकड़ों का प्रस्तुतिकरण (no Available notes)
अतीत से वर्तमान भाग 3कक्ष 8 सामाजिक विज्ञान
आध्याय अध्याय का नाम
1.कब, कहाँ और कैसे
2.भारत में अंग्रेजी राज्य की स्थापना
3.ग्रामीण ज़ीवन और समाज
4.उपनिवेशवाद एवं जनजातीय समाज
5.शिल्प एवं उद्योग
6.अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष (1857 का विद्रोह)
7.ब्रिटिश शासन एवं शिक्षा
8.जातीय व्यवस्था की चुनौतियाँ
9.महिलाओं की स्थिति एवं सुधार
10.अंग्रेजी शासन एवं शहरी बदलाव
11.कला क्षेत्र में परिवर्तन
12.राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947)
13.स्वतंत्रता के बाद विभाजित भारत का जन्म
14.हमारे इतिहासकार कालीकिंकर दत्त (1905-1982)
सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक जीवन भाग 3
अध्यायअध्याय का नाम
1.भारतीय संविधान
2.धर्मनिरपेक्षता और मौलिक अधिकार
3.संसदीय सरकार (लोग व उनके प्रतिनिधि)
4.कानून की समझ
5.न्यायपालिका
6.न्यायिक प्रक्रिया
7.सहकारिता
8.खाद्य सुरक्षा

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