ध्वनियाँ तरह-तरह की- BSEB Class 8th Science Chapter 18 Notes

ध्वनि हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रकार की ऊर्जा है जो वायु, जल या किसी अन्य माध्यम से संचरित होती है। इस अध्याय में हम BSEB Class 8th Science Chapter 18 Notes ध्वनि के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें ध्वनि के स्रोत, उसका संचरण, गुण और उपयोग शामिल हैं।

BSEB Class 8th Science Chapter 18 Notes

इस अध्याय में ध्वनि से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझकर हम ध्वनि के महत्व और इसके प्रभाव को अधिक अच्छे से समझ सकते हैं।

BSEB Class 8th Science Chapter 18 Notes ध्वनि का स्रोत और उत्पत्ति

ध्वनि का मुख्य स्रोत कंपन (Vibration) है। जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो यह आसपास की हवा के अणुओं को भी कंपनित करती है, जिससे ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं।

उदाहरण:

  • जब हम गिटार की तार को बजाते हैं, तो वह कंपन करती है और ध्वनि उत्पन्न करती है।
  • हमारे मुख से जब हम बोलते हैं, तो हमारे स्वर यंत्र में स्थित स्वर तंतु कंपन करते हैं, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है।

ध्वनि का संचरण:- ध्वनि तरंगों को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। ध्वनि ठोस, द्रव और गैस तीनों में संचरित हो सकती है। यह निर्वात (Vacuum) में संचरित नहीं हो सकती क्योंकि वहाँ कोई माध्यम नहीं होता।

  • ठोस में ध्वनि का संचरण (Sound Transmission in Solids): ठोस पदार्थों में ध्वनि का संचरण सबसे तेज़ होता है। उदाहरण के लिए, अगर हम किसी लकड़ी के दरवाजे पर कान लगाकर सुनते हैं, तो हम दरवाजे के दूसरी ओर की ध्वनि स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं।
  • द्रव में ध्वनि का संचरण (Sound Transmission in Liquids): द्रव में ध्वनि का संचरण ठोस से धीमा लेकिन गैस से तेज़ होता है। जैसे, मछलियों के बीच ध्वनि का संचरण पानी के माध्यम से होता है।
  • गैस में ध्वनि का संचरण (Sound Transmission in Gases): वायु में ध्वनि का संचरण सबसे धीमा होता है। जब हम बोलते हैं, तो हमारी आवाज़ हवा के माध्यम से दूसरों तक पहुंचती है।

ध्वनि की विशेषताएँ

आवृत्ति (Frequency):

  • आवृत्ति उस संख्या को कहते हैं, जिसके द्वारा ध्वनि तरंग एक सेकंड में कम्पन करती है। इसकी इकाई हर्ट्ज़ (Hz) है।
  • मानव कान सामान्यतः 20 Hz से 20,000 Hz के बीच की ध्वनि को सुन सकता है।

आवृत्ति के अनुसार ध्वनि के प्रकार:

  • अवर श्रव्य ध्वनि (Infrasonic Sound): 20 Hz से कम आवृत्ति वाली ध्वनि।
  • श्रव्य ध्वनि (Audible Sound): 20 Hz से 20,000 Hz तक की ध्वनि।
  • अतिश्रव्य ध्वनि (Ultrasonic Sound): 20,000 Hz से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि।

ध्वनि की तीव्रता (Intensity of Sound):

  • ध्वनि की तीव्रता यह दर्शाती है कि ध्वनि कितनी तेज़ है। इसकी इकाई डेसीबल (dB) है।
  • 85 dB से अधिक तीव्रता वाली ध्वनि सुनने के लिए हानिकारक हो सकती है।

ध्वनि की गूंज (Echo): जब ध्वनि किसी सतह से टकराकर वापस आती है और सुनाई देती है, तो उसे गूंज कहते हैं। गूंज उत्पन्न करने के लिए ध्वनि स्रोत और सतह के बीच की दूरी न्यूनतम 17 मीटर होनी चाहिए।

ध्वनि के उपयोग:- ध्वनि का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है:

संचार में उपयोग (Use in Communication):

  • ध्वनि का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग संचार में है। हम अपनी बातों को दूसरों तक पहुँचाने के लिए ध्वनि का उपयोग करते हैं।
  • रेडियो, टेलीविज़न, और टेलीफोन भी ध्वनि के माध्यम से संचार करते हैं।

चिकित्सा में उपयोग (Use in Medicine):

  • अल्ट्रासोनोग्राफी (Ultrasonography) में ध्वनि तरंगों का उपयोग शरीर के अंदरूनी अंगों की छवियाँ प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • ध्वनि तरंगों का उपयोग पथरी (Kidney Stones) को तोड़ने के लिए भी किया जाता है।

सुरक्षा और नेविगेशन में उपयोग (Use in Security and Navigation):

  • सोनार (SONAR – Sound Navigation and Ranging) ध्वनि तरंगों का उपयोग जल के भीतर वस्तुओं का पता लगाने और नेविगेशन के लिए किया जाता है।
  • अलार्म और सुरक्षा प्रणालियों में ध्वनि का उपयोग चेतावनी देने के लिए किया जाता है।

संगीत में उपयोग (Use in Music): संगीत में विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों से उत्पन्न ध्वनि का उपयोग होता है। हर वाद्य यंत्र की ध्वनि अलग होती है, जो उसकी संरचना और उपयोग की विधि पर निर्भर करती है।

ध्वनि प्रदूषण और उसके प्रभाव:- ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। ध्वनि प्रदूषण तब होता है जब ध्वनि की तीव्रता सामान्य सीमा से अधिक हो जाती है और यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत:

  • यातायात का शोर
  • उद्योगों का शोर
  • लाउडस्पीकर, विवाह समारोह, पार्टियों में तेज़ संगीत

ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव:

सुनने की क्षमता में कमी

  1. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)
  2. नींद की कमी (Sleep Deprivation)
  3. तनाव और चिंता (Stress and Anxiety)

ध्वनि प्रदूषण से बचाव के उपाय: अनावश्यक शोर से बचना

लाउडस्पीकर के उपयोग पर नियंत्रण:- व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, जैसे इयरप्लग्स का उपयोग

निष्कर्ष

ध्वनि हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल हमारे संचार और मनोरंजन का साधन है, बल्कि विज्ञान, चिकित्सा, और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी इसका उपयोग होता है। ध्वनि के सही उपयोग से हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, जबकि ध्वनि प्रदूषण से बचकर हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं। इस अध्याय में BSEB Class 8th Science Chapter 18 Notes ध्वनि से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझकर हम ध्वनि के महत्व और इसके प्रभाव को अधिक अच्छे से समझ सकते हैं।

Solutions Class 8 Vigyan Bihar Board समाधान हिंदी में

क्र० स ०अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

Leave a Comment