कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना – Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes

कोशिका हर जीव की आधारभूत संरचना होती है, जो जीवों की सभी क्रियाओं और प्रक्रियाओं का आधार बनाती है। कोशिका को जीवन की मूल इकाई माना जाता है क्योंकि यह वह सबसे छोटी इकाई है जो जीवन के सभी आवश्यक गुणों को दर्शाती है।

Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes

इस लेख में, हम “कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना – Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes, प्रकार, और उनके कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना – Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes

कोशिकाओं की खोज का श्रेय अंग्रेजी वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक को जाता है, जिन्होंने 1665 में माइक्रोस्कोप की सहायता से पहली बार कॉर्क की पतली परत में कोशिकाओं को देखा। उन्होंने इन संरचनाओं को ‘सेल्स’ नाम दिया, जिसका अर्थ होता है ‘छोटी कक्ष’। उसके बाद, एंटनी वॉन ल्यूवेनहुक ने सूक्ष्मजीवों और रक्त कोशिकाओं को देखने के लिए बेहतर माइक्रोस्कोप का उपयोग किया।

कोशिका सिद्धांत:- कोशिका सिद्धांत वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तावित एक प्रमुख सिद्धांत है जो यह बताता है कि:

  • सभी जीवधारी कोशिकाओं से बने होते हैं।
  • कोशिका जीवन की सबसे छोटी इकाई है।
  • सभी कोशिकाएँ पहले से मौजूद कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
  • इस सिद्धांत का विकास मैथियास श्लाइडेन, थियोडोर श्वान, और रुडोल्फ विर्चो ने किया था।

कोशिकाओं के प्रकार:-कोशिकाओं को उनके संरचना और कार्य के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

  • प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ (Prokaryotic Cells):-प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ साधारण संरचना वाली कोशिकाएँ होती हैं जिनमें नाभिकीय झिल्ली नहीं होती। इनमें आनुवंशिक पदार्थ सीधे कोशिका के साइ्टोप्लाज्म में स्थित होता है। उदाहरण: बैक्टीरिया और आर्किया।
  • यूकैरियोटिक कोशिकाएँ (Eukaryotic Cells):-यूकैरियोटिक कोशिकाएँ जटिल संरचना वाली कोशिकाएँ होती हैं जिनमें नाभिकीय झिल्ली होती है। यह झिल्ली आनुवंशिक पदार्थ (डीएनए) को संलग्न करती है।उदाहरण: पौधे, जानवर, कवक, और प्रोटिस्ट।

कोशिका की संरचना:- कोशिका की संरचना को विभिन्न भागों में विभाजित किया जा सकता है, जो प्रत्येक प्रकार की कोशिका में पाए जाते हैं।

  • कोशिका झिल्ली (Cell Membrane):-कोशिका झिल्ली एक पतली, लचीली परत होती है जो कोशिका को बाहरी वातावरण से अलग करती है। यह अर्ध-पारगम्य होती है, यानी यह कुछ पदार्थों को भीतर प्रवेश करने देती है और कुछ को नहीं। यह कोशिका के भीतर और बाहर के पदार्थों के आदान-प्रदान को नियंत्रित करती है।
  • नाभिक (Nucleus):-नाभिक यूकैरियोटिक कोशिकाओं में पाया जाता है और यह कोशिका का नियंत्रण केंद्र होता है। इसमें डीएनए होता है, जो आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत करता है और कोशिका की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
  • साइ्टोप्लाज्म (Cytoplasm):-साइ्टोप्लाज्म एक जैली जैसी पदार्थ होता है जिसमें कोशिका के सभी अंग (ऑर्गेनेल्स) होते हैं। यह कोशिका के अंदरूनी हिस्से को भरता है और कोशिका के कार्यों के लिए आवश्यक रासायनिक प्रतिक्रियाओं का स्थल होता है।
  • माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria):-माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का “शक्ति घर” कहा जाता है क्योंकि यह कोशिका की ऊर्जा उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। यह ग्लूकोज को तोड़कर एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) बनाता है, जो कोशिका के कार्यों के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
  • राइबोसोम (Ribosomes):-राइबोसोम छोटे, गोलाकार संरचनाएँ होती हैं जो प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करती हैं। ये कोशिका के भीतर और बाहर दोनों स्थानों पर पाए जा सकते हैं।

एन्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum):-एन्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम (ER) एक जाल जैसी संरचना होती है जो कोशिका के साइ्टोप्लाज्म में फैली होती है। यह दो प्रकार का होता है:

  • रफ ER: इसमें राइबोसोम होते हैं और यह प्रोटीन संश्लेषण में मदद करता है।
  • स्मूद ER: इसमें राइबोसोम नहीं होते और यह लिपिड संश्लेषण में मदद करता है।
  • गोल्जी बॉडीज (Golgi Bodies):- गोल्जी बॉडीज या गोल्जी उपकरण प्रोटीन और लिपिड को संशोधित, छांटने और पैकिंग करने में मदद करता है। यह उन्हें कोशिका के भीतर और बाहर भेजने के लिए तैयार करता है।
  • लाइसोसोम (Lysosomes):- लाइसोसोम छोटी गोलाकार थैलियाँ होती हैं जिनमें पाचक एन्जाइम होते हैं। ये कोशिका के भीतर अवांछित पदार्थों को तोड़ने और हटाने का कार्य करती हैं।

पौधों और पशुओं की कोशिकाओं में अंतर:- पौधों और पशुओं की कोशिकाओं में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं:

  • कोशिका भित्ति: पौधों की कोशिकाओं में एक कठोर कोशिका भित्ति होती है जो उन्हें संरचना और सुरक्षा प्रदान करती है, जबकि पशुओं की कोशिकाओं में यह अनुपस्थित होती है।
  • क्लोरोप्लास्ट: पौधों की कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट होता है जो प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में शामिल होता है, जबकि पशुओं की कोशिकाओं में यह नहीं होता।
  • वैक्यूल: पौधों की कोशिकाओं में एक बड़ा केंद्रीय वैक्यूल होता है जो पानी और अन्य पदार्थों का संग्रह करता है, जबकि पशुओं की कोशिकाओं में छोटे, असंख्य वैक्यूल होते हैं।

कोशिकाओं के कार्य:- कोशिकाएँ कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं जो जीवों के जीवन के लिए आवश्यक हैं:

  • ऊर्जा उत्पादन: माइटोकॉन्ड्रिया में ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया होती है जो कोशिका के सभी कार्यों के लिए आवश्यक है।
  • वृद्धि और विकास: कोशिकाएँ विभाजित होकर नए कोशिकाएँ बनाती हैं, जिससे जीवों का विकास होता है।
  • पोषक तत्वों का परिवहन: कोशिका झिल्ली के माध्यम से पोषक तत्वों का आदान-प्रदान होता है।
  • रक्षा: लाइसोसोम अवांछित पदार्थों को नष्ट करके कोशिका की रक्षा करते हैं।

कोशिकाओं का विभाजन:- कोशिकाएँ विभाजित होकर नए कोशिकाएँ बनाती हैं, जिससे जीवों का विकास और पुनरुत्पादन होता है। कोशिकाओं के विभाजन की प्रक्रिया को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • माइटोसिस: इस प्रक्रिया में एक कोशिका विभाजित होकर दो समान बेटी कोशिकाएँ बनाती है। यह शरीर की विकास और पुनरुत्पादन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • मियोसिस: इस प्रक्रिया में एक कोशिका विभाजित होकर चार यौन कोशिकाएँ (गैमेट) बनाती है, जिनमें आधी संख्या में क्रोमोसोम होते हैं। यह यौन पुनरुत्पादन में महत्वपूर्ण होता है।

निष्कर्ष

कोशिकाएँ हर जीव की आधारभूत संरचना होती हैं और जीवन के सभी आवश्यक गुणों को प्रदर्शित करती हैं। “कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना – Bihar Board Class 8 Science Chapter 14 Notes, प्रकार, और उनके कार्यों के बारे में गहन जानकारी प्रदान की है। कोशिकाओं का अध्ययन न केवल विज्ञान के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें हमारे जीवित तंत्र को समझने में भी मदद करता है।

Solutions Class 8 Vigyan Bihar Board समाधान हिंदी में

क्र० स ०अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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