प्रकाश का खेल – BSEB Class 8th Science Chapter 11 Notes

प्रकाश हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह न केवल हमें दृश्य अनुभव प्रदान करता है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण, जैव विविधता और रोजमर्रा के कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

BSEB Class 8th Science Chapter 11 Notes

इस अध्याय में हम BSEB Class 8th Science Chapter 11 Notes प्रकाश के विभिन्न पहलुओं, उसके व्यवहार और इसके महत्व के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे।

BSEB Class 8th Science Chapter 11 Notes – प्रकाश

प्रकाश विज्ञान की सबसे रोचक शाखाओं में से एक है। यह न केवल हमें हमारे आसपास की वस्तुओं को देखने में मदद करता है, बल्कि इसके कई अन्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और व्यावहारिक उपयोग भी हैं

प्रकाश :- प्रकाश एक विद्युत चुम्बकीय तरंग है, जो हमें हमारे चारों ओर के संसार को देखने में सक्षम बनाती है। यह एक ऐसा ऊर्जा रूप है, जिसे हम अपने नेत्रों से देख सकते हैं। प्रकाश की गति बहुत अधिक होती है, लगभग 3,00,000 किलोमीटर प्रति सेकंड।

प्रकाश की गति:- प्रकाश की गति निर्वात में सबसे अधिक होती है। यह लगभग 3,00,000 किलोमीटर प्रति सेकंड है। जब प्रकाश किसी माध्यम से गुजरता है, तो उसकी गति उस माध्यम के अनुसार बदलती है।

प्रकाश के स्रोत:- प्रकाश के मुख्य स्रोत दो प्रकार के होते हैं:

  • प्राकृतिक स्रोत: सूर्य, तारे, आकाशगंगा आदि।
  • कृत्रिम स्रोत: बल्ब, दीपक, फ्लोरीसेंट लाइट, LED आदि।

प्रकाश की विशेषताएँ:- प्रकाश की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • गति: प्रकाश की गति अत्यंत तेज होती है।
  • रंग: प्रकाश विभिन्न रंगों में विभाजित हो सकता है। जब प्रकाश को एक प्रिज्म से पार कराया जाता है, तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है – बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।

प्रकाश का परावर्तन:- प्रकाश का परावर्तन वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश किरणें किसी सतह पर गिरती हैं और वे वहां से वापस लौट जाती हैं। परावर्तन के नियम निम्नलिखित हैं:

  • प्रथम नियम: परावर्तन की सतह के समांतर लकीर और परावर्तित किरण एक ही विमान में स्थित होती हैं।
  • द्वितीय नियम: परावर्तन कोण दृष्टिकोण कोण के बराबर होता है।

समांतर और असमांतर परावर्तन

  • समांतर परावर्तन: जब परावर्तित किरण और परावर्तन किरण परावर्तक सतह के साथ समान कोण पर गिरती हैं, तो इसे समांतर परावर्तन कहते हैं।
  • असमांतर परावर्तन: जब परावर्तित किरण और परावर्तन किरण परावर्तक सतह के साथ असमान कोण पर गिरती हैं, तो इसे असमांतर परावर्तन कहते हैं।

लेंस और उनका कार्य:- लेंस एक पारदर्शी कांच की वस्तु होती है, जो प्रकाश की किरणों को एकत्र या विभाजित करती है। लेंस दो प्रकार के होते हैं:

  • संकीर्ण लेंस (Convex Lens): यह लेंस मध्य में मोटा होता है और किनारों से पतला। इसे इकट्ठा लेंस भी कहते हैं।
  • विखंडित लेंस (Concave Lens): यह लेंस मध्य में पतला होता है और किनारों से मोटा। इसे फैला लेंस भी कहते हैं।

लेंसों का उपयोग

  • दृष्टि दोष: आंखों के दृष्टि दोष को ठीक करने के लिए लेंस का उपयोग किया जाता है, जैसे माइनस लेंस (विखंडित लेंस) और प्लस लेंस (संकीर्ण लेंस)।
  • दूरबीन और दूरदर्शी: यह उपकरण लेंसों के संयोजन से बने होते हैं और यह दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में सहायक होते हैं।

प्रकाश का वक्रता:- जब प्रकाश किसी माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी गति बदलती है और वह वक्राकार रेखा में चलने लगता है। इस प्रक्रिया को प्रकाश का वक्रता कहते हैं। प्रकाश की वक्रता के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  • दर्पण का वक्रता: एक गोल दर्पण प्रकाश को वक्राकार रूप में परावर्तित करता है।
  • लेंस की वक्रता: लेंस प्रकाश को विभिन्न कोणों पर फोकस करता है।

रिफ्रैक्शन (अपवर्तन):- जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करता है, तो उसकी गति बदल जाती है और दिशा में परिवर्तन होता है। इस प्रक्रिया को रिफ्रैक्शन कहते हैं। अपवर्तन के नियम निम्नलिखित हैं:

  • प्रथम नियम: अपवर्तन कोण और दृष्टिकोण कोण एक ही विमान में होते हैं।
  • द्वितीय नियम: अपवर्तन कोण दृष्टिकोण कोण से भिन्न होता है और उसका माप उस माध्यम की गुणांक से संबंधित होता है।

प्रकाश का विचलन:- जब प्रकाश किसी प्रिज्म से गुजरता है, तो वह विभिन्न रंगों में विभाजित हो जाता है। इस प्रक्रिया को प्रकाश का विचलन कहते हैं। यह घटना तब होती है जब प्रकाश का विभिन्न माध्यमों से गुजरना होता है, जैसे पानी, कांच आदि।

प्रकाश की गति का मापन:- प्रकाश की गति को मापने के लिए विभिन्न यंत्र और तकनीकें उपयोग की जाती हैं, जैसे:

  • लेजर तकनीक: लेजर का उपयोग करके प्रकाश की गति का सटीक मापन किया जा सकता है।
  • संपूर्ण द्रव्यमान का मापन: इस तकनीक में प्रकाश की गति का मापन तरंग दैर्ध्य के आधार पर किया जाता है।

प्रकाश का महत्व:- प्रकाश हमारे जीवन में कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसके बिना हमारे जीवन की कई प्रक्रियाएँ प्रभावित होंगी। प्रकाश का महत्व निम्नलिखित है:

  • दृष्टि और दृश्यता: प्रकाश के बिना हम चीजों को देख नहीं सकते।
  • संचार: प्रकाश का उपयोग टेलीविजन, रेडियो और अन्य संचार माध्यमों में होता है।
  • ऊर्जा उत्पादन: सौर ऊर्जा का उपयोग कर हम विद्युत उत्पादन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रकाश का अध्ययन न केवल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन के कई पहलुओं को समझने में भी सहायक है। इस अध्याय में हमने प्रकाश के विभिन्न पहलुओं, उसके व्यवहार, लेंसों, परावर्तन, अपवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को समझा। प्रकाश का अध्ययन हमें यह समझने में भी मदद करता है कि कैसे हम इसके गुणों का उपयोग करके अपने जीवन को सरल और सुविधाजनक बना सकते हैं।

Solutions Class 8 Vigyan Bihar Board समाधान हिंदी में

क्र० स ०अध्याय का नाम
1.दहन एवं ज्वाला चीजों का जलना
2.तड़ित एवं भूकम्प : प्रकुति के दो भयानक रूप
3.फसल : उत्पादन एवं प्रबंधन
4.कपड़े / रेशे तरह-तरह के
5.बल से ज़ोर आजमाइश
6.घर्षण के कारण
7.सूक्ष्मजीवों का संसार
8.दाब एवं बल का आपसी सम्बन्ध
9.इंधन : हमारी जरुरत
10.विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव
11.प्रकाश का खेल
12पौधों एवं जन्तुओं का संरक्षण : (जैव विविधता)
13.तारे और सूर्य का परिवार
14.कोशिकाएँ : हर जीव की आधारभूत संरचना
15.जन्तुओं में प्रजनन
16.धातु एवं अधातु
17.किशोरावस्था की ओर
18ध्वनियाँ तरह-तरह की
19.वायु एवं जल-प्रदूषण की समस्या

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